Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Fascination About वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
Blog Article
निष्क्रियता: मंत्र का उच्चारण करने के बाद, आपको सक्रियता से दूर रहना चाहिए। इसके बाद शांतिपूर्वक ध्यान में बैठें और अपनी इच्छानुसार कार्य करने के लिए प्रभावित होने की कोशिश करें।
वशीकरण मंत्र के उपयोग से मानवीय संबंध वशीकरण मंत्र: चमत्कार या मिथ्या?
या भुज ते महिषासुर मारि और शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थम्बा आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा आज तोहे माता भक्त शपथ बिनु शान्ति दिए जानि सोवहु अम्बा।
सुपारी के जरिये मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना करना आज का काम नहीं है.
इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।
ॐ नमो भगवते मदन मोह मये पंच भूत मोहिनी। चतुर्विध जीव गलनु मोहिसु मोहिसु। तन्नो नो उदकेण तुरित व्यतलिन्नकाणा कालुकै। प्याऽदे कल बहु दिवोडि वरील वार विर्दरे। महा मायाणे काल भैरव-गणे ब्रह्मा- विष्णु, महेश्वरणे श्रीराम ईतनाणे। क्लीं मोहिनी मोहिसु मोहिसु। निगेगे निन्त्राणे मोहिसु ॐ गुरु click here प्रसादं।
यह मंत्र देवी कामाख्या की शक्ति का आह्वान करता है, ताकि किसी खास व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके।
प्रेम और विवाह: वशीकरण मंत्र प्रेम और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान प्रदान करने में मदद कर सकता है। यदि आपका कोई प्यार करने वाला व्यक्ति आपके प्रति ध्यान नहीं देता है या आप अपने प्रेमी/प्रेमिका को पाना चाहते हैं, तो वशीकरण मंत्र आपकी मदद कर सकता है। यह आपको उन्हें अपने जीवन साथी के रूप में प्राप्त करने में सहायता कर सकता है।
यह मंत्र धन और संपत्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप धन, संपत्ति, और आर्थिक सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
मोहन वशीकरण मंत्र का प्रभाव चुम्बकीय है इसलिए इसके जरिये हम मनचाही महिला या लड़की को मोहित कर सकते है.
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय त्रिलोचनाय त्रिपुर वाहनाय अमुक मम वश्य कुरु कुरु स्वाहा
विधि: इस मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में अपनी क्षमता अनुसार जप करके सिद्ध कर लें। इसके बाद, प्रयोग के समय शुक्रवार को एक पुष्प लें और मंत्र का सात बार उच्चारण करके उसे अभिमंत्रित करें। जिस स्त्री पर यह फूल डाला जाएगा, वह मंत्र के प्रभाव से मोहित हो जाएगी।
चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे.